Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana - An Overview

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इसे repeat करते हुए नया भाव जोड़ें – “मैं सुरक्षित हूं”

मूड स्विंग्स डेली रुटीन को प्रभावित करने लगे हैं तो जानिए इनका कारण और इन्हें कंट्रोल करने के उपाय मन की बात

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आप सकारात्मक दृष्टिकोण से अलग अलग चिंताओं और डर को दूर कर सकते हैं।

एक कागज पर उस डर को लिखिए जो आपको सबसे ज्यादा प्रभावित करता है।

तो ज़िन्दगी में लोग आते जाते हैं, चीज़ें आती जाती रहती हैं और सुख दुःख आता जाता रहता है. कोई हमेशा किसी के पास सदा के लिए टिके रहता है क्या?

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“मैं जो भी करता हूँ, उसमें सफल होता हूँ।”

हम आपको डर दूर करने के तरीके बताएँगे, पर चलिए पहले जानते हैं की डर क्या होता है, क्यों होता है और कितने प्रकार का होता है?

हममें से बहुतों के लिए नए करियर की शुरुआत करना, नए रिलेशनशिप या कड़ी मेहनत से कमाए पैसे खर्च करने में कुछ मात्रा में एंजायटी होती है। जहां हमें सोने में दिक्कतें आने लगती है, मन एकाग्र चित्त नहीं हो पाता है, बार-बार एक ही चीज हमारे मस्तिष्क में घूम रहा होता है इन सभी के होने का एक ही कारण है – “हमारे विचार”

क्योंकि डर सिर्फ एक दिन में दूर नहीं होता, कुछ वक़्त तो आपको देना ही होगा. तो चलिए जानते हैं डर को कैसे ख़त्म करें? इसके लिए आपको क्या क्या करना होगा?

अब जो आदमी सालों से अपने घर में दुबक कर बैठा है, जो कभी भी डर के पास ही नहीं गया या जिसने कभी भी कोई ऐसा काम करने की हिम्मत ही नहीं जुटाई, वो कैसे निर्भीक रह सकता है?

जो बीत गया सो बीत गया। अक्सर हम बीती हुई बातों को लेकर चिंता में पड़ जाते हैं जैसे कि अगर कुत्तों से डरते हैं तो पहले कभी कुत्तों से कोई बुरा अनुभव check here हुआ होगा। 

उसके खो जाने का, उसके टूट जाने का, उसके चोरी हो जाने का या फिर उसके दूर चले जाने का. अरे भाई ये दुनिया ही नश्वर है तो चीज़ों की क्या औकात?

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